Tuesday 14 January 2014

अपाहिज



तुम्हारे हर ईक्षा के  आगे
गूंगी जबान ,
तुम्हारे हर इल्जाम में 
मैं बहरी,
तुम्हारे हर दोष के आगे 
मैं अंधी,
और तोहमत पर 
बेजुबान। 
माँ, बहन, बेटी और पत्नी हीं  नहीं  
शायद सबसे बड़ी अपाहिज भी हूँ । 

स्वाति वल्लभा राज 

5 comments:

  1. सबसे बड़ी अपाहिज ही हूँ
    God Bless U

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  2. बहुत गहन और सुन्दर |

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  3. ओह ...
    मंगलकामनाएं आपको !

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  4. मार्मिक,सटीक सारगर्भित प्रस्तुति - हार्दिक बधाई

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